इंतज़ार तो करे जब वो आये भी
भूल जाये हम छोडे जो मेरे साये भी.

कल सुबह ये ज़िन्दगी जो ना रही
तमाशा देखेंगे अपने और पराये भी.


वो गैर हैं तो गैर बनना भी सीख लें
यादों में आ कर बार बार आजमायें भी.


कहता है दुनिया को छोड़ देगा
हमे मुड के देखे बार बार, घबराये भी.


ये कैसा खुदा है मेरे दोस्तों
खुद ही लगाये आग, खुद ही बुझाये भी.


शिकवा भी तो क्या करें हम किसी से
खोया एक हमसफर तो लाखों रहनुमा पाए भी .

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